UP Lekhpal Bharti mai 50 Lakhs applications Hindi News 2015: लेखपाल के 16481 पदों पर 50 लाख दावेदार

UP Lekhpal Bharti for 16481 posts and 50 Lakhs applications: लेखपाल के 16481 पदों पर 50 लाख दावेदार कमल दुबे/एसएनबीलखनऊ
‘ एक अनार सौ बीमार’ की कहावत राजस्व विभाग में लेखपाल पदों की भर्ती पर खरी उतर रही है। चकबंदी और राजस्व विभाग में रिक्त लेखपाल के आवेदकों की भारी-भरकम संख्या ने हाल के समय में हुई भर्तियों के सारे रिकाडऱ् तोड़ दिये है। विभागीय रिपोर्ट के मुताबिक लेखपाल के रिक्त 16481 पदों पर अब तक पचास लाख से ज्यादा आवेदन आ चुके है, जबकि राजस्व विभाग के लेखपाल पद पर अभी ऑन लाइन आवेदन 28 जुलाई तक लिये जाने है। ऐसे में दावेदारी की दौड़ में शामिल आवेदकों के इस आकड़े का ग्राफ और ऊपर जाने के आसार है। आवेदकों की लगातार बढ़ती संख्या ने लेखपाल भर्ती परीक्षा कराने वाली संस्थाओं के आगे बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। राज्य सरकार लेखपाल के कुल 16481 पदों पर भर्ती कर रही है। जिसमे चकबंदी विभाग के 2831 तथा राजस्व विभाग के 13650 पदों पर भर्ती होनी है। चकबंदी विभाग के लेखपाल पदों की चयन प्रक्रिया आधीनस्थ चयन आयोग तो राजस्व विभाग की भर्ती परीक्षा टीसीएस को करानी है। अकेले चकबंदी विभाग में लेखपाल पद पर करीब 28 लाख आवेदन प्रदेश भर में आये है जबकि राजस्व विभाग के लेखपाल पद के लिए 22 लाख से अधिक आवेदन आ चुके है।

राजस्व विभाग में अभी ऑन लाइन आवेदन लिये जा रहे है। पहले आवेदन की तिथि 21 जुलाई थी, लेकिन आवेदकों की संख्या को देखते हुए पिछले दिनों सरकार ने इसे बढ़ाकर 28 जुलाई कर दिया था। बचे दिनों में अभी और आवेदन आने की अधिकारियों को उम्मीद है। जिससे आवेदकों का आंकड़ा 55 लाख के आसपास पहुंचने की संभावना विभाग के अधिकारी जताते है। हाल के समय में विभिन्न विभागों के रिक्त पदों पर जो भर्तियां हुई है उनमें इतनी बड़ी संख्या में आवेदन नहीं आए है। यूपी बोडऱ् की हाई स्कूल और इन्टर की दोनों परीक्षाओं को मिलाकर आमतौर पर 25 से 30 लाख परीक्षार्थी बैठते है, जबकि लेखपाल पद पर इससे कही अधिक आवेदक परीक्षा देगे। इतनी बड़ी संख्या में आवेदन आने के पीछे अधिकारी उम्र की सीमा को मानते है। इनका कहना है कि लेखपाल पद पर सामान्य वर्ग के आवेदकों के लिए उम्र सीमा 35 साल तथा आरक्षित वर्ग के लिए 40 साल है। इसके अलावा इन्टर पास की अर्हता रखी गई है। उम्र सीमा अधिक होने तथा शैक्षिक अर्हता के साथ अन्य कोई तकनीकी अर्हता न रखे जाने के कारण आवेदकों की संख्या काफी बढ़ी है। इनकी परीक्षा कराने के लिए सरकार तथा परीक्षा कराने वाली एजेन्सियों को ठीक वैसे इंतजाम करने होगे, जैसे हाई स्कूल और इन्टर की परीक्षा में कराने पड़ते है।