UPTET 2011 Teachers Recruitment 23 July 2015 News: सालों से विवादों में है टीईटी -11 और शिक्षक भर्ती

UPTET 2011 Teachers Recruitment 23 July 2015 News: सालों से विवादों में है टीईटी -11 और शिक्षक भर्ती

उत्तर प्रदेश में जुलाई 2011 में नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार कानून (आरटीई-09) लागू होने के बाद नवंबर 2011 में पहली बार आयोजित शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का विवादों से गहरा नाता है। इस परीक्षा के आधार पर हो रही 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती भी विवादित बनी हुई है।25 नवम्बर 2011 को टीईटी का रिजल्ट जारी हुआ तो कई सवाल के उत्तरों पर आपत्ति उठी। आपत्तियों का निस्तारण हो रहा था कि तत्कालीन माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति संजय मोहन को पैसे लेकर कुछ अभ्यर्थियों के अंक बढ़ाने के आरोप में कानपुर पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।इसके बाद सत्ता में आने पर सपा ने टीईटी-11 में धांधली की जांच तत्कालीन मुख्य सचिव जावेद उस्मानी से कराई।

उस्मानी कमेटी की रिपोर्ट पर सरकार ने टीईटी-11 की मेरिट की बजाय एकेडमिक रिकार्ड के आधार पर शिक्षक भर्ती का निर्णय लिया और दिसम्बर 2012 में दोबारा 72,825 प्रशिक्षु शिक्षकों का विज्ञापन जारी किया।हालांकि हाईकोर्ट ने 20 नवम्बर 2013 को सरकार के फैसले को खारिज करते हुए टीईटी-मेरिट पर भर्ती का निर्णय दिया। इसके खिलाफ प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए 25 मार्च 2014 को टीईटी मेरिट पर नियुक्ति के आदेश दिए।सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 55 हजार से अधिक प्रशिक्षु शिक्षकों की भर्ती पूरी हुई ही थी कि इस बीच टीआर (टैबुलेशन रजिस्टर) से छेड़छाड़ का भंडाफोड़ हो गया। आरोपितों को एक-दो दिन में देंगे चाजर्शीट इलाहाबाद। टीआर से छेड़छाड़ के आरोप में निलम्बित किए गए यूपी बोर्ड के दो कर्मचारियों को एक-दो दिन में चाजर्शीट दी जाएगी। जांच अधिकारी बनाए गए बोर्ड के अपर सचिव प्रशासन राजेन्द्र प्रताप ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है।