UPP Daroga Bharti Latest News 32 July 2015: दरोगा भर्ती परीक्षा 2011 के मूल रिकार्ड कोर्ट में तलब
पुलिस विभाग में चार हजार से अधिक उपनिरीक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा और उसका परिणाम एक बार फिर विवादों में आ गया है। भर्ती में महिला, विकलांग और एक्स सर्विस मैन को मिलने वाले क्षैतिज आरक्षण को चुनौती दी गई है। आरोप है कि एक जाति विशेष के लोगों को क्षैतिज आरक्षण पचास फीसदी आरक्षित कोटे में देने के बजाए सामान्य की गैरआरक्षित सीटों पर नियुक्ति दी गई है। मुनेंद्र प्रताप सिंह और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पीठ ने पुलिस भर्ती बोर्ड से 11 अगस्त तक परीक्षा से संबंधित समस्त मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
याची के वकील सीमांत सिंह के अनुसार पुलिस विभाग में भर्ती के लिए 2011 में जारी विज्ञापन के तहत अपनाई गई प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। आरक्षण नियमावली के अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग सभी श्रेणियों को कुल मिलाकर 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। महिला, विकलांग और एक्स सर्विस मैन को भी इसी 50 प्रतिशत में क्षैतिज आरक्षण दिया जाना है। मगर पुलिस ने क्षैतिज आरक्षण पाने वाले लगभग सौ अभ्यर्थियों को सामान्य की अनारक्षित सीटों पर नियुक्ति दे दी जबकि ऐसा तभी संभव है जब आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य वर्ग में न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी से अधिक अंक प्राप्त हुए हों। याचिका में कट ऑफ मार्क्स का ब्यौरा भी दिया गया है।
पुलिस विभाग में चार हजार से अधिक उपनिरीक्षकों की भर्ती के लिए आयोजित परीक्षा और उसका परिणाम एक बार फिर विवादों में आ गया है। भर्ती में महिला, विकलांग और एक्स सर्विस मैन को मिलने वाले क्षैतिज आरक्षण को चुनौती दी गई है। आरोप है कि एक जाति विशेष के लोगों को क्षैतिज आरक्षण पचास फीसदी आरक्षित कोटे में देने के बजाए सामान्य की गैरआरक्षित सीटों पर नियुक्ति दी गई है। मुनेंद्र प्रताप सिंह और अन्य की याचिका पर सुनवाई कर रही न्यायमूर्ति पीकेएस बघेल की पीठ ने पुलिस भर्ती बोर्ड से 11 अगस्त तक परीक्षा से संबंधित समस्त मूल दस्तावेज प्रस्तुत करने का आदेश दिया है।
याची के वकील सीमांत सिंह के अनुसार पुलिस विभाग में भर्ती के लिए 2011 में जारी विज्ञापन के तहत अपनाई गई प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर धांधली की गई है। आरक्षण नियमावली के अनुसार अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग सभी श्रेणियों को कुल मिलाकर 50 फीसदी से अधिक आरक्षण नहीं दिया जा सकता है। महिला, विकलांग और एक्स सर्विस मैन को भी इसी 50 प्रतिशत में क्षैतिज आरक्षण दिया जाना है। मगर पुलिस ने क्षैतिज आरक्षण पाने वाले लगभग सौ अभ्यर्थियों को सामान्य की अनारक्षित सीटों पर नियुक्ति दे दी जबकि ऐसा तभी संभव है जब आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी को सामान्य वर्ग में न्यूनतम अंक पाने वाले अभ्यर्थी से अधिक अंक प्राप्त हुए हों। याचिका में कट ऑफ मार्क्स का ब्यौरा भी दिया गया है।