अंबेडकरनगर (ब्यूरो)। टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियाें पर आकाश से टपका,
खजूर पर अटका वाली कहावत एकदम सटीक बैठ रही है। उन्होंने पिछले तीन वर्ष से
शिक्षक बनने के लिए न सिर्फ कड़ी मेहनत की बल्कि भर्ती प्रक्रिया को आगे
बढ़ाने के लिए सड़क से लेकर न्यायालय तक मामला ले जाने में संघर्ष भी किया।
जब नियुक्ति की नौबत आयी तो अब बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की
लापरवाही से उन्हें मुश्किलों से जूझना
पड़ रहा है। शुक्रवार को शिक्षा विभाग के अफसरों पर मनमानी का आरोप लगाते
हुए अभ्यर्थियों ने बीएसए कार्यालय पर प्रदर्शन कर नारेबाजी की।
इसके बाद उन्होंने ओवरब्रिज पर जाम भी लगाया। इससे पहले कुछ अभ्यर्थियों ने जिला अस्पताल में डीएम की गाड़ी के सामने लेटकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि पहले तो मेरिट लिस्ट बदल दी गई और अब नई सूची सामने लाने में देरी की जा रही है।
शिक्षक बनने का नियुक्ति पत्र पाने से वंचित टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थियों ने बीएसए कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने अकबरपुर-टांडा मार्ग स्थित ओवरब्रिज पर जाम लगा नाराजगी जताई। इस दौरान अभ्यर्थियों ने बीएसए कार्यालय और डायट के अधिकारियों व कर्मचारियों पर भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया। कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि डायट व बेसिक शिक्षा विभाग महज 400 शिक्षकों की मेरिट लिस्ट व कट ऑफ ठीक से नहीं तैयार कर पा रहा है। दो दिन बीत गए और अधिकारी व कर्मचारी अभी तक मेरिट लिस्ट व कटऑफ तैयार करने में ही लगे हैं।
नियुक्ति पत्र पाने की आस में भटक रहे टीईटी उत्तीर्ण अभ्यर्थी संजय कुमार, राहुल सिंह, मोहित व महेंद्र आदि ने कहा कि कड़ी मेहनत के बाद उन लोगों ने शिक्षक बनने का मार्ग किसी तरह से प्रशस्त किया, तो अब स्थानीय स्तर पर भर्ती प्रक्रिया में हीलाहवाली शुरू कर दी गई। वहीं, टीईटी संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष अनिल वर्मा ने कहा कि विभाग की यह लापरवाही शिक्षक बनने वाले अभ्यर्थियों के हितों से खिलवाड़ है। उधर, जिला अस्पताल का दौरा करने गए डीएम की कार के आगे लेटकर कई अभ्यर्थियों ने कहा कि आरक्षण तय करने से लेकर मेरिट तक में मनमानी की जा रही है। डीएम विवेक ने कहा कि वे कार्रवाई करा रहे हैं।