लखनऊ। सरकारी मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों की रिटायरमेंट की
आयु बढ़ाकर 65 वर्ष किए जाने के बाद राजकीय कर्मचारियों के साथ अन्य शिक्षक
संगठनों ने भी इसकी मांग की है। वे भी चाहते हैं कि अन्य शिक्षकों के
साथ-साथ कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु भी 65 वर्ष होनी चाहिए। राज्य
सरकार के इस निर्णय से सरकारी खजाने पर बोझ नहीं बढ़ेगा, बल्कि पीएफ और
अन्य देनदारियों का पैसा बचेगा।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के
प्रदेश अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी कहते हैं कि मौजूदा समय राज्य कर्मचारी 60
साल में रिटायर हो रहे हैं। परिषद की काफी पुरानी मांग है कि कर्मचारियों
को 62 साल पर रिटायर किया जाए। इसके पहले जब शिक्षकों के रिटायरमेंट की आयु
62 वर्ष की गई थी, तब राज्य कर्मियों की आयु 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष की गई
थी।
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के
प्रदेशीय मंत्री व प्रवक्ता आरपी मिश्र कहते हैं कि सरकारी डॉक्टरों के
समान सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में कार्यरत शिक्षकों के रिटायरमेंट की
आयु 62 से बढ़ाकर 65 साल की जाए।
वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष
लल्लन मिश्रा ने कहा है कि परिषदीय स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों को भी 62
के स्थान पर 65 साल में रिटायर करने की व्यवस्था लागू की जाए। प्रदेश में
हर साल परिषदीय स्कूलों से करीब 14,000 शिक्षक रिटायर होते हैं।
खबर साभार : अमरउजाला