लखनऊ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक
विद्यालयों में अब शिक्षकों को मनमानी तैनाती नहीं मिल सकेगी। शिक्षकों की
तैनाती का आधार विद्यालय की छात्र संख्या होगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा
निदेशालय की ओर से प्रस्ताव बनाकर सचिव बेसिक शिक्षा परिषद भेजा गया है।
राजधानी में आठ ब्लॉक और एक नगर क्षेत्र में दो हजार से अधिक
परिषदीय विद्यालय हैं। ज्यादातर शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्राइम लोकेशन वाले
सड़क के किनारे के विद्यालयों में पोस्टिंग की चाहत रहती है। लिहाजा वे
जुगाड़ के लिए हर तरह की सिफारिश लगवाते हैं। लखनऊ में चिनहट, काकोरी और
सरोजिनी नगर में तैनाती की सबसे ज्यादा मांग होती है। लेकिन माल, मलिहाबाद
जैसे क्षेत्र के स्कूलों में तैनाती को लेकर कोई आगे नहीं आता। जिससे इन
क्षेत्रों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो जाती है। जबकि शहरी क्षेत्र
में शिक्षकों की संख्या मानक से अधिक हो जाती है। यह स्थिति राजधानी सहित
प्रदेश के सभी जिलों की है। यही वजह है कि अब शासन इस व्यवस्था को बदलने की
तैयारी में है। शिक्षा का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत प्राथमिक विद्यालय
में 30 बच्चों पर एक शिक्षक की तैनाती का प्रावधान है। लेकिन राजधानी में
बहुत से ऐसे स्कूल हैं जहां बच्चों की संख्या काफी कम होने के बाद भी अधिक
शिक्षक तैनात हैं। लेकिन अब ऐसे नहीं होगा। यदि किसी विद्यालय में 60 बच्चे
हैं तो यहां सिर्फ दो शिक्षक की तैनात की जाएगी।