B.Ed Admission Niyamawali 2015 UP: पहली बार बनी बीएड में एडमिशन की नियमावली

B.Ed Admission Niyamawali 2015 UP: पहली बार बनी बीएड में एडमिशन की नियमावली, प्रवेश परीक्षा, काउंसलिंग, एडमिशन और पढ़ाई का शेड्यूल भी फाइनल, 2015-16 से बीएड की पढ़ाई दो साल की हुई |

कानपुर(ब्यूरो)। राज्य विश्वविद्यालय और उनसे संबद्ध 1200 से ज्यादा राजकीय,अनुदानित और निजी बीएड महाविद्यालयों में एडमिशन की नियमावली बना दी गई है। इसका गजट नोटिफिकेशन 10 जून को आ गया है। यह पहला मौका है, जब बीएड में एडमिशन का गजट जारी हुआ है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से निर्धारित गाइड लाइंस के हिसाब से बीएड की सीटें भरी जा रही थीं। नई व्यवस्था चालू शैक्षिक सत्र 2015-16 से लागू होगी।
हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में अधिवक्ता रजत राजन सिंह की पहल के बाद शिक्षा अनुभाग-3 ने बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा, काउंसलिंग,एडमिशन और कक्षा संचालन की नियमावली बना दी है। दरअसल, अधिवक्ता ने सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस के हिसाब से काउंसलिंग न कराए जाने पर उच्च शिक्षा विभाग के अफसरों को कानूनी नोटिस भेजा था। इसमें कहा था कि 25 दिन की काउंसिलिंग 18 दिन में निपटाई जा रही है। इसका संज्ञान लेकर शासन ने बीएड में एडमिशन का गजट जारी कर दिया। कहा कि शैक्षिकसत्र 2015-16 के एडमिशन इसी के हिसाब से होंगे। जो गजट जारी हुआ है, उसके मुताबिक सीटें न भरने की स्थिति में संयुक्त प्रवेश परीक्षा के आयोजक राज्य विश्वविद्यालय को बीएड की पूल काउंसलिंग करानी होगी। 5000 स्टूडेंट का पूल बनाकर उन्हेेें अलग-अलग कॉलेजों में भेजना होगा, ताकि खाली सीटें भरी जा सकें। इसके लिए राज्य विश्वविद्यालय को अच्छे प्रचार-प्रसार वाले तीन अखबारों में विज्ञापन भी निकलवाना पड़ेगा। यह प्रक्रिया आठ जुलाई तक चलती रहेगी। यदि आयोजक राज्य विवि से सीटें न भरें तो प्रमुख सचिव या सचिव उच्च शिक्षा से मिलकर शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। शासन स्तर से तीन दिन के अंदर कार्रवाई होगी। हालांकि 15 जुलाई के बाद बीएड में एडमिशन नहीं मिलेगा।
गजट के मुताबिक एडमिशन शुरू होने से पहले ही आयोजक राज्य विश्वविद्यालय को हेल्पलाइन नंबर जारी करने होंगे। इसके माध्यम से स्टूडेंट की समस्याओं का समाधान होगा। संबद्ध महाविद्यालयों को हेल्पलाइन नंबर देकर पूरा डाटा अपडेट करना पड़ेगा।
एडमिशन से पहले संबद्ध महाविद्यालय के प्रिंसिपल को स्टूडेंट के शैक्षिक प्रमाणपत्र सत्यापित करने पड़ेंगे।