लखनऊ।
राजकीय आईटीआई में दाखिलों के लिए ऑनलाइन व्यवस्था और काउंसलिंग न होेना
अभ्यर्थियों को रास नहीं आ रहा है। यही वजह है कि आवेदनों की भरमार होने के
बावजूद दाखिले के लिए स्टूडेंट्स नहीं मिल रहे हैं। प्रदेश के राजकीय
आईटीआई की 59,339 सीटों पर दाखिले के लिए इस साल छह लाख अभ्यर्थियों ने
आवेदन किया था। इस लिहाज से एक सीट के दस दावेदार हैं। इसके बावजूद दो चरण
की प्रवेश प्रक्रिया संपन्न होने के बावजूद केवल 27 हजार सीटें ही भर पाई
हैं। 33 हजार सीटों को अभी भी अभ्यर्थियों को इंतजार है।
आईटीआई
में शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के अंतर्गत इंजीनियरिंग और नॉन इंजीनियरिंग
पाठ्यक्रमों में इस समय करीब 40 पाठ्यक्रम हैं। व्यवसायिक प्रशिक्षण परिषद
द्वारा आयोजित प्रवेश प्रक्रिया के तहत अभ्यर्थियों से ऑनलाइन आवेदन ले लिए
जाते हैं। ऑनलाइन फॉर्म में अभ्यर्थी को ट्रेड और संस्थान के संबंध में
विकल्प देना होता है। आईटीआई में दाखिला लेने वाले ज्यादातर अभ्यर्थियों की
क्वालीफिकेशन हाईस्कूल पास होती हैं। जिस वर्ग से ये अभ्यर्थी आते हैं
उसमें ज्यादातर ऑनलाइन आवेदन फॉर्म सायबर कैफे से भरवाते हैं। ज्यादा
मुनाफे के चक्कर में और जानकारी न होने के कारण सायबर कैफे वाले जल्दबाजी
में फॉर्म भरते हैं। दाखिले के लिए विकल्प ऑनलाइन फॉर्म के समय ही भरने
होते हैं। ऐसे में कम विकल्प भरने वाले अभ्यर्थियों को अगर पहला विकल्प
नहीं मिला तो उन्हें सीट मिलने की संभावना बेहद कम हो जाती है। ऐसे में
अच्छे नंबर होने के बावजूद अभ्यर्थी को दाखिला नहीं मिल पाता।
काउंसलर कर सकता है मदद
केंद्रीकृत
एडमिशन प्रक्रिया से पहले अभ्यर्थी को संबंधित आईटीआई में बुलाया जाता था।
काउंसलर अभ्यर्थियों को उनके द्वारा भरे गए विकल्प के अलावा उसकी रैंक के
हिसाब से अन्य ट्रेड के फायदे भी बताते थे। ऐेेसे में पहला विकल्प न मिलने
पर अभ्यर्थी को दाखिले के लिए दूसरा विकल्प मिल जाता था। अब यह व्यवस्था न
होने से अभ्यर्थियों को बहुत सी ट्रेड का ज्ञान नहीं होता। ऐसे में फिटर,
टर्नर, इलेक्ट्रीशियन जैसी ट्रेड की सीट भरने के बाद बाकी सीटों पर दाखिले
नहीं हो पाते। राजकीय आईटीआई अलीगंज के प्रिंसिपल राजेंद्र प्रसाद के
अनुसार बहुत सी ट्रेड ऐसी हैं जिनमें रोजगार के अच्छे अवसर हैं पर जानकारी
के अभाव में अभ्यर्थी उनमें बहुत कम आवेदन करते हैं।
दो चरण की प्रवेश प्रक्रिया के बाद काउंसलिंग न होने से नहीं भर पा रहीं सीटें