VittaVihin Shikshak Mandey UP News June 2015: पांच साल पुराने वित्तविहीन शिक्षकों को ही मानदेय
लखनऊ। अखिलेश सरकार जल्द ही अपनी एक और घोषणा
पूरी करने वाली है। इसके लिए जिलेवार वित्तविहीन स्कूलों के शिक्षकों का
ब्यौरा एकत्र कराया जा रहा है। इसमें उन्हीं शिक्षकों के बारे में जानकारी
मांगी गई है जिनकी सेवा न्यूनतम पांच साल पूरी हो चुकी है। इससे साफ है कि
पांच साल पुराने शिक्षक ही मानदेय के हकदार होंगे। जिलों से यह भी पूछा गया
है कि वित्तविहीन स्कूलों ने शिक्षकों की नियुक्ति में आरक्षण नियमों का
पालन किया है या नहीं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक अवध नरेश शर्मा ने सभी
डीआईओएस व मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों से इस संबंध में पूरी जानकारी
जल्द निदेशालय भेजने को कहा है।
सपा ने
विधानसभा चुनाव के दौरान वादा किया था कि सत्ता में आए तो वित्तविहीन
स्कूलों के शिक्षकों को नियत मानदेय दिया जाएगा। इसी घोषणा को पूरा करने के
लिए यह कवायद हो रही है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से जारी पत्र में
अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के अंशकालिक शिक्षकों के संबंध में सूचना जल्द
भेजने को कहा गया है। पत्र में कहा गया है कि मानदेय के लिए 5 साल से
लगातार काम करने वाले अंशकालिक शिक्षक ही पात्र होंगे। इसलिए ऐसे शिक्षकों
का ही ब्यौरा निदेशालय को भेजा जाए। ब्यौरे के साथ यह भी सूचना दी जाए कि
इन शिक्षकों के चयन में आरक्षण नियमों के पालन की क्या स्थिति रही है।
स्कूलों की भी मांगी गई जानकारी
इसमें
विद्यालय का नाम, स्कूल की मान्यता की तिथि, संस्थान का स्तर हाईस्कूल या
इंटरमीडिएट है। तीन वर्षों में छात्रों की संख्या, मान्यता का विषय,
शिक्षकों की संख्या, शिक्षणेतर कर्मचारियों की संख्या, भूमि, भवन विवादित
है या नहीं। इसी तरह प्रबंधतंत्र विवादित है या विवाद रहित। संस्था के विगत
वर्षों का परीक्षाफल। हाईस्कूल व इंटर में कितने छात्र-छात्राएं पास हुए।
परीक्षा केंद्र बनाने पर कितनी बार डिबार किया गया। इसके अलावा प्रबंधक से
यह भी प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि अंशकालिक शिक्षकों से प्रबंधक की
रिश्तेदारी है या नहीं।
शिक्षकों के बारे में ये मांगी गई सूचना
निदेशालय
ने जिलों से शिक्षकों के नाम, पदनाम, जन्मतिथि, शैक्षिक योग्यता,
प्रशिक्षण अर्हता, नियुक्ति तिथि, चयन प्रक्रिया के अनुपालन की स्थिति, चयन
प्रक्रिया के मूल कागजात, प्रबंधन से होने वाले भुगतान की स्थिति, शिक्षक
का बैंक अकाउंट नंबर, भविष्य निधि खाता संख्या, बीमा योजना लागू है या
नहीं।